पूरा दिन घर पर ही रुका रहा |गावं जाने की सोच रहा हूँ |पर शीलू अभी नहीं आए .|कैसे घर को अकेले छोड़ कर जाऊं माता जी को देखने जाना है | दीपावली की छुट्टी बुधवार से लेकर शुक्रवार तदनंतर रविवार तक तो मना लिया . अब अधिक छुट्टी तो मिलने से रही . बहुत अच्छा मौका है . घर जरुर जाना चाहिए . परन्तु क्या करूँ दो दिन तक तो बीमार ही रहा . मिचली एवं पेट ख़राब - लगता है कि ठंढ लग गई . मौषम बदल रहा है . आज दिन शनिवार ऐसे ही चला गया . बच्चे सभी बाहर हैं .कोई छुट्टी में घर नहीं आया . एक दिन कि छुट्टी और बाकी है देखते है घर जा पाते हैं कि नहीं .
Saturday, October 29, 2011
Sunday, April 17, 2011
Saturday, January 29, 2011
earth
मै सदैव विचार करता हूँ की धरती हरी भरी कैसे रहे । लोंगो को निरंतर इस तरफ ध्यान देना चाहिए ।
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